आज सुबह दिखी एक बेइंतेहा खूबसूरत लड़की , गज़ब की मासूमियत. ऑटो में मुश्किल से 15 मिनिट के साथ में मुझे तो इश्क़ हो गया यारों... वो चेहरा...क्या बात थी.. दिल के जज़्बात बस लिख डाले- बिना सुर, लय, ताल के... इश्क़ हो गया यार..
वो चेहरा.. क्या बात थी
जन्नत से उतरी हुई कोई अप्सरा थी क्या या सिर्फ एक लड़की पता नहीं
वो खूबसूरती, वो मासूमियत उस चेहरे पर.. क्या बात थी
गुलाबी सूट में इतनी खूबसूरत जैसे खिलता कमल
और दिल घायल करने के लिए आँखों में काजल
सुबह कि ठंडी हवा में लहराती उसकी खुली ज़ुल्फ़ें.. हाय क्या बात थी
दिल छलनी कर गयी उसकी एक नज़र
आवाज़ कोयल से भी मीठी
कुछ दूर तक का साथ था अपना मगर दिल चाहता न था उससे अलग होना
ठंड में काली जैकेट का हुड डाल कर अपनी दुनिया में खोयी थी वो और मैं खोया था उसमें
कितनी बार नज़रें उठा कर उसे शीशे में देखा , मैं तो गिनती ही भूल गया
दिल मेरा कहता रहा... अब मैं गया, अब मैं गया
उसको भी पता लग गया होगा कि एक दीवाना हो गया उसका
वो मंद मंद मुस्कान कैसे भूल जाऊँ ?
मन तो किया उसके साथ दो कदम और चला जाऊँ
वो 8 .45 पर चल दी अपनी राह
तू कल फिर नज़र आ.. मेरे दिल कि यह ही चाह
इश्क़ हो गया यार उसको देख कर
धड़कने बढ़ा गयी वो अनजाने में
सोच रहा हूँ दिल का इलाज ढूँढूँ अब किसी दवाखाने में
अब तो रोज़ उससे मिलने कि ख्वाहिश सी है
वो धरती या स्वर्ग- न जाने कहाँ की है??
बस इतना पता है... की इश्क़ हो गया यार उसको देख कर...
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