ज़िन्दगी कब बदल जाए, पता नहीं मगर बहुत याद आयेंगे सारे...
जब कभी आँखें देखेंगी कोई पुरानी इमारत और उसकी खूबियाँ तो याद आएगा वो
कभी लिखनी होगी किसी को चिट्ठी, तो कोई गुमशुदा अरमान याद दिलाएगा अनूप की
कभी किसी हँसती , खिलखिलाती लड़की को देखूंगा तो बहुत याद आएगी वो
दुनिया के शोर में, गलियों में , ग़ालिब के ज़िक्र में याद आएगी PACH की हीरोइन
बहुत याद आएगी दीपाली
चॉकलेट की दीवानी , कविताओं में डूबी कोई लड़की दिखेगी तो बहुत याद आएगी वो
कभी किसी के गले लग कर रोने का मन करेगा तो बहुत याद
आएगी
याद आएगी सौम्या
ज़िन्दगी में कभी जोर जोर से हंसने का मन करेगा तो बहुत याद आएगा वो
उन हंसी ठहाकों में बहुत याद आएगा मागो
नाच की शौक़ीन उस जज्बाती लड़की की बहुत याद आएगी
याद आएगी श्रुति
कान्हा से लेकर दिल तक की बातें करने वाली वो चुप रहने वाली
लड़की बहुत याद आएगी
सौम्या की हमशकल बहुत याद आएगी वो मीठी मुस्कान वाली नेहा
किसी गाड़ी में बैठ कर किसी को कुछ लिखते देखूंगा तो बहुत याद आएगा वो
अपने में मस्त वो RIDER गोविन्द
ज़िन्दगी कितना कुछ दे गयी है हौले हौले पता लग रहा है
ज़िन्दगी कब बदल जाए, पता नहीं मगर बहुत याद आयेंगे सारे...
ज़ुबा से कुछ न कहते खामोश से रहने वाले याद आयेंगे वो
आँखों ही आँखों से उनके लिए प्यार बयान करते याद आयेंगे योगेश जी
उनकी अधूरी दुनिया को पूरी करती वो बहुत याद आएँगी
हर किसी से खुश होकर मिलती , योगेश जी की दुनिया बहुत याद आएँगी
याद आएँगी प्रतिभा जी
किसी के हाथ में कैमरा देखूंगा तो बहुत याद आएगा वो
कभी किसी से पूछने का मन करेगा की मैं क्यूँ करूँ तो बस
उसका चेहरा ही आँखों के सामने आएगा
याद आएगा मुझे कमल
जब किसी की आँखें बिना कुछ कहे ही बहुत कुछ कह जायेंगी तो याद आयेंगे वो
शब्दों का जाल हो या चित्रों की कलाकारी तो याद आएगी नवीन जी की
जब भी पेड़ पौधों को देखूंगा तो याद आएगी वो नटखट सी दिखने वाली सुलझी लड़की
हरियाली की दीवानी , छोटा पैकेट बड़ा धमाका ..... याद आएगी आविका
बहुत याद आयेंगे सारे...
दुनिया की गहरी समझ वाला वो लड़का बहुत याद आएगा
वो चश्मा, वो हैरी पॉटर वाला लुक ज़हन में बस जायेगा
सुधांशु की पहचान याद रहेगी
उल्टी सीढियाँ बना कर अपनी बात कहने वाला वो बहुत याद आएगा
यादों के झरोंखो में झाँक कर देखूंगा तो बहुत याद आएगा आकिब
कागज़ पर रंगों को जिंदा होते देखूंगा तो बहुत याद आएगी वो लड़की
वो शर्मीली लड़की ... भगवान् से सवाल करने वाली आस्था
क्या इन सब की यादों को रोक पाऊंगा कभी ?
किसी महफ़िल में सबको ध्यान से सुनते देखूंगा किसी को तो एक ही नाम उतरेगा ज़ेहन में
रहगुज़र वाला प्रयास हमेशा याद रहेगा
किताबें ढूँढने आये किसी अजनबी को देखूंगा तो बस यादें रह जाएँगी
जाम और सुट्टे से दिल बयान करने वाला विवेक याद रहेगा
ग़ज़लों में ज़िन्दगी बयान करता दिखेगा कोई तो कैसे भूल पाउँगा ?
कैसे भूल पाउँगा आदित्य को ?
खाने के दीवाने किसी कवि को देखूंगा तो याद जरूर आएगा यह पागल
नाम एक ही है – अभिषेक
किसी बड़ी लड़की में बच्चों जैसी नादानी देखूंगा तो याद बस एक ही शख्स पर लौट आएँगी
दिल धीरे से कहेगा – नेहा जी नमस्कार
दोस्तों की इस भीड़ में मैं बस खो जाऊंगा
गिटार के साथ किसी को गीत में खुशियाँ ढूंढते देखूंगा तो आस्था का वो दोस्त बहुत याद आएगा
याद आएगी गिटार वाली Happyness अभिषेक के साथ
याद आएगा वो भी .... वो ही दोस्त जो अपना हर शब्द दिल में उतरवा ही जाता है
दुल्हन के दिल को समझने वाला शोभित
एक नटखट याद आएगी , मासूम सी दिखने वाली शैतान ..हाँ...वही .... पीहू
किसी को मन की आँखों से दुनिया देखते देखूंगा तो याद आएगा वो
याद आएगा मयंक
ज़िन्दगी बस ऐसे ही चलती जाएगी
जब किसी के फाड़ जज्बातों को सुनूंगा भाई साहब
तो बस रोहित याद आएगा
गिनती में अरमानों को पूरा करते देखूंगा किसी को तो अमृत पास ही दिखेगा
कागज़ के टुकड़ों पर किसी को प्यार भरे ख़त लिखते देखूंगा तो नक्काशी के साथ याद रहेगा हैरी
अपना बैग उठाये प्रकृति में खोये किसी को देखूंगा तन्हाइयों का लुफ्त उठाते हुए
तो अभिनव की याद बहुत आएगी
किसी को रात 2 बजे दुनिया से बेखबर किसी पुल पर चाय का लुफ्त उठाते देखूंगा तो याद आएगी सैनी जी की
किसी सरदार नूं पग संभालते देखंगा तो याद आये पुश्मीत और अगर चटोरपने पर देखंगा तो याद आये री टिक्कू
जब किसी को चुल मचेगी तफरी की तो याद आएगा ईश्वर
और इसी तरह से कमली , देविका, वैभव, अनुराग, दाक्षी, एकंक्षा, दिव्याक्ष, नबीला.... सब के सब बस याद आते जायेंगे
ज़िन्दगी छोटी है , पता नहीं , कब, कहाँ , खत्म हो जाए मेरी...
चाहे जो भी हो ज़िन्दगी में इन सब की कमी बहुत खलेगी.. हद से ज्यादा क्यूंकि ज़िन्दगी पता नहीं इन सब से कितनी दूर ले जाएगी की मिलना हो न हो.....
PACH : ज़िन्दगी और उसकी यादें कुछ लोगों की ....
Reviewed by Shwetabh
on
4:16:00 PM
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