Chipko movement |
आजादी क्या है ?
खंडर वाली इमारतों को बचाना या उसकी टूटी ईटों पे अपने इश्क का नाम कुरेदना
मुल्क की विरासत वाली इमारतों को बचा के रखना या धर्म के नाम
पर उनको गिरवा देना
आजादी क्या है ?
इतने सालों की जंग के बाद खुली हवा में साँस लेना या देश में एक
दूसरे को लड़वा कर सिर्फ अपने लिए एक आज़ाद हवा में साँस लेना
दहशतगर्दों के मरने पे मातम मनाना या शहीदों की शहादत पे फक्र
से दो आंसूं बहाना
आजादी क्या है ?
संस्कृति बचाने के नाम पर एक नदी किनारे को तबाह कर देना या घर
पे गमले में उगते पौधे को देख कर खुश होना
एक खुशहाल परिवार के साथ रहना या अपनी स्वार्थी ख़ुशी के लिए
बच्ची को कोख में ही मरवा देना
अपने बच्चे पे अपनी पसंद थोपना या उसे अपनी पसंद से किसी का
होने देना
दहेज़ के लिए किसी की बेटी को तडपाना या बहू को ही बेटी मान
लेना
ठुकराए जाने पर किसी का चेहरा तेज़ाब से जला देना या यह करने से पहले 100 बार सोचना कि घर पे किसी के साथ ठीक ऐसा ही हुआ
तो ?
घर वालों को वृधाश्रम छोड़ आने की कवायद या जाड़े की सर्द रात में
किसी बेसहारा को रैन बसेरा छोड़ आने की एक कोशिश
आजादी क्या है ?
सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को खून में लथपथ देख तमाशबीनो
की भीड़ या खून की एक पुकार पर किसी अनजाने को खून देने
पहुंची लोगों की भीड़
जंगली कह कर मज़े के लिए एक जानवर को मार देना या एक
जानवर को बचाने के नाम पे एक इंसान को खत्म कर देना
थाली का खाना यूँ ही बर्बाद करना रोज़ या गरीबों के वास्ते रोज़ 2
रोटी ही सही किसी रोटी बैंक में दे आना
परिंदे को पिंजरे में क़ैद कर घर की चाहरदिवारी में रख लेना या उसे
आज़ाद कर आसमान में उड़ने देना
4 साल तक अपनी सहूलियत के लिए एक ही खेल का प्रोतसाहन
करना या रोज़ हरेक खेल को बढ़ावा देना
चंद नंबरों के लिए दीवारें फाँदना या चंद बच्चों के साथ मुश्किल नंबरों
के पहाड़ को तोड़ देना
आजादी क्या है ?
कंक्रीट के जंगलों को बढ़ाकर प्रगति के नाम पे गरीबों की ज़मीनें ले
लेना या भूखे किसान के लिए दो जून रोटी का जुगाड़ करना
किसी धर्म के खिलाफ हिंसा करना या उसी धर्म के लंगर में भूखों को
प्रसाद देना
किसी मंदिर की चौखट पे किसी का आना रोक देना या खुले दिल से
हर धर्म के आने वालों का स्वागत करना
पेड़ों को काट कर अपना घर बनाना या उनको बचाने के लिए एक
आन्दोलन की शुरुआत करना
लाल बत्ती पे जल्दी निकलने की होड़ या हरी बत्ती होने पर भी पीछे से
सायरन बजाती एम्बुलेंस के लिए रास्ता खाली करने की कोशिश
विदेशों में हमलों पर फ़ौरन झंडे लगाने की आदत या अपने देश में हुए हादसों में घायल लोगों के लिए भी 2 मिनट रुक कर सोचना
आजादी क्या है ?
सिर्फ कागज़ी आजादी स्वतंत्र होने की पहचान नहीं
ज़रुरत है अपनी ज़िन्दगी में रोज़ आज़ाद महसूस करना , बिना किसी बंदिश या शर्तों के
आजादी यह है ....
The story behind this- Even after so many years, we might have gained independence long ago on paper but in reality we are still slaves of customs, diktats, politicial pressure and what not. Everyday we struggle to act between what we think as might be right or might be wrong, we are crushed between such choices. This is our story – of how we really act, be it incidents of everyday life or international events.. This is sadly what happens and this is what we need to get rid off.. this is just a small number which I have tried to write, a lot more happens than I can recall. You might be able to get the exact references if you pay attention to some really closely.
Now this is something ... Good man
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ReplyDeleteDipanwita Chakraborty has left a new comment on your post "आजादी क्या है ?":
Very profound and thoughtful.
That's true and thought provoking. It really make me think and re think - are we heading the right way?
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