"भैया , भैया..हेल्लो...जगह कैसी लगी ?"
"बाद में बात करता हूँ गरिमा"
पता नहीं ध्यान कहाँ था मेरा कि मैंने ध्यान ही नहीं दिया कि फ़ोन
गरिमा ने नहीं मेरी बहन छवि का था
“इश्क में डूब गए भैया भाभी के साथ, बस उनसे कहने कि हिम्मत
नहीं है. इतना मरते हैं उनपे फिर भी”. छवि भी फ़ोन रखते हुए खुद से
बोली.
अचानक से गरिमा का फ़ोन आया..
“छवि , कहाँ हैं तुम्हारे भैया ? फ़ोन नहीं उठा रहे, कुछ बात करनी है”
“हाय , गरिमा भा...दीदी . वो कहीं दूर बैठे हैं”
“ज़रूर किसी पहाड़ या समंदर के नज़ारे में खोये होंगे”
“आपको कैसे पता ?”
“इतना तो जानती ही हूँ उसे”
“तो ज़िन्दगी भर के लिए जान लो न”.. हँस कर छवि ने फ़ोन रख
दिया.
यह सुनते ही गरिमा के हाथ उस हरी ड्रेस पे ही रुक गए. “आज
जानूंगी शाम को”..
हरा,भास्कर का पसंदीदा रंग..
दिल कुछ कहना चाहता है #fridayfotofiction
Reviewed by Shwetabh
on
12:19:00 PM
Rating:
Sardiyan, aur gulabi romance!!! Loved this sequel Shwetabh!
ReplyDeleteJadu hai nasha hai ye ishq, good one
ReplyDeleteRomance is in the air!:)
ReplyDeleteThank you for writing for #FridayFotoFiction
The first thing I loved about this post is that it's in hindi. We hardly come across Hindi posts now.
ReplyDeleteThis is such a cute and relatable post. We all experience the beauty of love. I hope everyone gets love they crave for.
Great post :)
Rashi Mital
Live It Young
Very interesting love story
ReplyDelete