घर के पास ही एक Dominos Pizza का आउटलेट है. आज गया था कुछ लेने के लिए कि एक अलग सा ख्याल आया.. मेनेजर को बुलवाया तो केशियर को लगा कुछ गड़बड़ हो गयी. बात सुन कर को वो भी हैरान थे. बस उनसे इतना कहा था कि आज दुकान पे कुल जितना भी उनका स्टाफ है सबको मेरी तरफ से एक-एक 500 ml कोल्ड ड्रिंक की बोतल दे दीजियेगा...बिलिंग मुझे कर दो, कोई चिंता नहीं. मेनेजर भी पूछने लगे कि क्या यह ज़रुरत है?
उनका चौंकना लाज़मी थी था . 35 का कुल स्टाफ था वहाँ . लगा होगा कोई मज़ाक तो नहीं है..केशियर को कह तो दिया था कि सर जो कह रहे हैं बिल कर दो, मगर अपना आर्डर लेने के बाद जब मैंने केशियर को फिर से याद दिलाया तो उसे भी लगा बंदा सीरियस है.
घर पहुँचने के बाद एक बार डर लगा कि कहीं मुझे बिलिंग कर दें और न दें स्टाफ को तो मेरी तो चपत लग जाएगी. इसीलिए dominos के कस्टमर केयर को फ़ोन लगाया, मामला समझाया और रिमाइंडर के लिए बोला. अब फ़ोन पे executive चकराया मगर बात सुनने के बात उसने उसने फ़ोन होल्ड पे रखा, outlet पे बात की तो पता लगा हुकुम की तामील हो चुकी है. जितनी देर मैंने अपने आर्डर के लिए इंतज़ार किया तो देखा कि डिलीवरी वाले बन्दे बिना रुके आ रहे हैं, जा रहे हैं. सर्विस स्टाफ लगातार लगा हुआ है orders तैयार करने में ... ऐसे में अगर त्यौहार के दिन कुछ अलग कर दिया तो कुछ गलत तो नहीं हुआ न.. कुछ फैसले पहले से सोच के नहीं होते, बस यूँ ही अचानक वाली सोच या सनक , दोनो के मिलने से हो जाती है .
क्यूँ किया ? पता नहीं ... सोचा था रक्षाबंधन पे अगर फीमेल स्टाफ हुआ तो सबको राखी का एक छोटा सा तोहफा ही मिल जाएगा , लड़के हुए तो अपनी भाग दौड़ के बीच थोड़ा आराम करके कुछ ख़ुशी से घर तो जा सकेंगे . वो कहते हैं न...... बस यूँ ही .
( ये घटना पुरानी हो चुकी है, रक्षाबंधन के दिन की है )
दिल की कलम से : बस यूँ ही....
Reviewed by Shwetabh
on
9:22:00 PM
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Dominos is my favorite pizza. I find it hard to eat pizza from anywhere else. Just nice update . Thanks alot.
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